जी20 या बीस का समूह एक अंतर-सरकारी मंच है जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था, जैसे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता, जलवायु परिवर्तन शमन, और सतत विकास से संबंधित प्रमुख मुद्दों के समाधान की दिशा में कार्य करता है। जी20 विश्व की अधिकांश सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से निर्मित है, जिसमें औद्योगिक और विकासशील दोनों राष्ट्र शामिल हैं; जो सकल विश्व उत्पाद (जीडब्ल्यूपी) का लगभग 80%, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 75%, वैश्विक जनसंख्या का दो-तिहाई और विश्व के सकल भूभाग का 60% हिस्सा हैं। इसलिए, इस मंच को लेखक माइक कैलाघन और ट्रिस्ट्राम सेन्सबरी द्वारा "द जी20 एंड द फ्यूचर ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक गवर्नेंस" पुस्तक और जॉन जे. किर्टन द्वारा "जी20 गवर्नेंस फॉर ए ग्लोबलाइज्ड वर्ल्ड" पुस्तक की संज्ञा देते हैं। जी20 दो ट्रैक और एक समूह नामत: फाइनेंस ट्रैक, शेरपा ट्रैक और आउटरीच/एंगेजमेंट ग्रुप के साथ काम करता है
कृषि कार्यकारी समूह (एडब्ल्यूजी) की स्थापना वर्ष 2011 में फ्रांस के कान शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 की छठी बैठक में की गई थी। एडब्ल्यूजी का गठन विशेष रूप से कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में कृषि बाजार सूचना प्रणाली (एएमआईएस) की एक विशेष शुरुआत के साथ और खाद्य मूल्य अस्थिरता तथा कृषि कार्य योजना के समर्थन के रूप में वैश्विक कृषि एवं खाद्य चुनौतियों के समाधान की दिशा में ठोस कदम के रूप में इस शिखर सम्मेलन में सर्वसम्मति से किया गया।.
जी20 की अध्यक्षता में “एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य” की भारत की संकल्पना के अनुरूप के कृषि कार्य समूह (एडब्ल्यूजी) जी20 देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की अवधारणा को पोषित करता है। यह शिखर सम्मेलन सदस्य देशों को वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करने के लिए नीतिगत स्तर पर समन्वय करने का अवसर प्रदान करता है। सदस्य राष्ट्रों के सम्मुख कृषि से संबंधित वर्तमान चुनौतियों में खाद्य असुरक्षा, वैश्विक मूल्य श्रृंखला की कमियां, जलवायु परिवर्तन के कारण फसल उत्पादकता और रोजगार शामिल हैं। इश्यू नोट के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान करना ही एकमात्र उद्देश्य है।
कृषि में जी-20 पहलों का जायजा
खाद्य सुरक्षा के लिए जलवायु स्मार्ट कृषि पर वैश्विक मंच
प्रदर्शनी
कार्यक्रम | विभाग | तिथियां | शहर |
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प्रथम कृषि डिप्टी बैठक (एडीएम), इंदौर | डीएएंडएफडब्ल्यू | 13-15 फरवरी 2023 | इंदौर |
द्वितीय कृषि डिप्टी बैठक (एडीएम) | डीएएंडएफडब्ल्यू | 29-31 मार्च 2023 | चंडीगढ़ |
प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों की बैठक (एमएसीएस) | डेयर | 17-19 अप्रैल 2023 | वाराणसी |
तृतीय एडीएम* तथा जी-20 कृषि मंत्रियों की बैठक (एएमएम) | डीएएंडएफडब्ल्यू | 15-17 जून 2023 | हैदराबाद |
इंदौर मध्य भारत में मध्य प्रदेश राज्य का एक जिला है। इस शहर का नाम यहां स्थित इंद्रेश्वर महादेव मंदिर के नाम पर रखा गया है। इंदौर को भारत के मराठा साम्राज्य के होल्कर राजवंश से संबंधित होल्कर राज्य के रूप में भी जाना जाता था। राजसी महल, पातालपानी झरने और टिंचा झरने की प्राकृतिक सुंदरता शहर के आकर्षण में वृद्धि करती है।
गंगा नदी के किनारे बसा शहर वाराणसी भारत का सबसे पुराना शहर है। लगभग 2000 मंदिरों वाला "मंदिरों का शहर" देश की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। यह 'साधना' आध्यात्मिक अनुशासन और तपस्या के पथ पर चलने वाले जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों की आकांक्षा का गन्तव्य है।
शिवालिक की तलहटी में स्थित चंडीगढ़ का नाम "चंडी मंदिर" से लिया गया है। यह भारत में शहरी नियोजन और आधुनिक वास्तुकला के सर्वोत्तम प्रयोगों में से एक है। यह जीवन की गुणवत्ता के लिए दुनिया के प्रसिद्ध शहरों की सूची में शामिल है और दो राज्यों पंजाब तथा हरियाणा की राजधानी है।
हैदराबाद भारतीय राज्य तेलंगाना की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है और आंध्र प्रदेश की कानूनी राजधानी है। इसे "मोतियों का शहर" और बिरयानी का स्वर्ग भी कहा जाता है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी यानी रामोजी फिल्म सिटी के रूप में जाना जाता है।